Saturday, October 13, 2012

जंजीर' से शुरू जिंदगी


बिग बी के करियर में 'जंजीर' को मील का पत्थर कहा जाए, तो कुछ गलत नहीं होगा। खास बात यह कि 1973 में आई इस सुपरहिट फिल्म के लिए बिग बी फर्स्ट चॉइस नहीं थे।
चमत्कार से यह फिल्म उन्हें मिल गई और इसी के साथ बॉलिवुड को मिल गया 'एंग्री यंगमैन'।
इसके बाद अमिताभ ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वह यहां हैं।
जया का साथ
कम ही लोग इस पर विश्वास करेंगे कि शादी से पहले जया-अमिताभ को काम दिलाने के लिए प्रड्यूसरों और डायरेक्टरों के पास पैरवी करती थीं।
लेकिन, यह एक सचाई है। सच तो यह है कि जया के साथ ने ही शुरुआती दौर में बिग बी को बॉलिवुड में टिकाए रखा।
जया ने न सिर्फ अमिताभ को इमोशनल सपोर्ट दिया, बल्कि इस जोड़ी की केमिस्ट्री ने बॉलिवुड को तमाम हिट फिल्में भी मिलीं।
वह काला दिन
70 के दशक में स्ट्रगल भरी शुरुआत करने वाले अमिताभ 80 के दशक में बड़े स्टार बन चुके थे। लेकिन उनकी पॉप्युलैरिटी तब चरम पर दिखी, जब 1982 में फिल्म 'कुली' की शूटिंग के दौरान चोट लग जाने पर पूरे देश ने उनकी सलामती की दुआ की।
फैंस की दुआओं ने बिग बी को बचा लिया। अगर ऐसा नहीं होता, वाकई बॉलिवुड को कई शानदार फिल्में नहीं मिलतीं।
नेतागिरी को हाय-बाय
राजीव गांधी के करीबी दोस्त रहे अमिताभ ने उनके कहने पर पॉलिटिक्स में शुरुआत की। 1984 में बिग बी ने इलाहाबाद लोकसभा सीट पर रेकॉर्ड जीत हासिल की।
लेकिन फोर्स स्कैंडल के काले छींटे पड़ने से साफ-सुथरी इमेज वाले अमिताभ इतने हर्ट हुए कि उन्होंने तीन साल बाद ही राजनीति को बाय बोल दिया।
जाहिर है, फिर से ऐक्टिंग ही उनका पेशा हो गया।
फ्लॉप बिजनेसमैन
फिल्मों में हिट होने के बाद अमिताभ ने बिजनेस में हाथ आजमाने के लिए एबीसीएल खोली, लेकिन कंपनी फ्लॉप हो गई। तब अमिताभ को अपनी जिंदगी का वह दौर देखना पड़ा, जब वह अपने दोस्तों से उनकी गाड़ी अपने बंगले के बाहर खड़ी करने के लिए रिक्वेस्ट करते थे, ताकि वह धनी दिखें।
यहां तक कि उनका बंगला भी बिकने की नौबत आ गई थी।
बहरहाल, इस दौर ने बिजनेसमैन अमिताभ को तो मिटा दिया, लेकिन ऐक्टर अमिताभ इस दौरान भी बना रहा।
केबीसी से बने ब्रैंड बच्चन
दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गए अमिताभ बच्चन आज ब्रैंड बच्चन बन गए हैं, तो इसका क्रेडिट 'केबीसी' को ही जाता है। इस शो ने ऐसे मुश्किल टाइम में बिग बी की वापसी कराई, जब लोग उन्हें भूलने लगे थे।
'केबीसी' और अमिताभ की जुगलबंदी से रात 9 बजते ही सड़कों पर सन्नाटा छाने लगा, तो मार्केट को विश्वास हो गया कि अमिताभ में अभी भी बहुत कुछ बाकी है।
...और इसी बात ने अमिताभ की एक और पारी बॉलिवुड में शुरू करवाई, जो सुपर-डुपर हिट रही और वह सदी के महानायक बन गए।

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